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भूलकर भी न करें इस तरह गायत्री मंत्र का जप, नकारात्मक शक्तियां के साथ... जानिए इसके फायदे..

Jun 19 2019

Posted By:  AMIT

शास्त्रों में गायत्री मंत्र का बहुत बड़ा महत्व होता है, गायत्री जयंती ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन मनाई जाती हैं | वहीं गायत्री मंत्रों का शास्त्रवेदों में एक चमत्कारिक और सफल ज्ञान बताया गया है, इसलिए इस मंत्र का जप आमतौर पर उपनयन संस्कार के बाद किया जाता हैं | अगर देखा जाये तो आखिर क्यों इस गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए, जानिए इस मंत्र की विशेषताओं के बारे में- 


शास्त्रों के मुताबिक वेदों की कुल चार संख्या है, और वहीं इन चारों वेदों में गायत्री मंत्र का वर्णन किया गया हैं | इस मंत्र के ऋषि लेखक है और देवता सविता हैं | शास्त्रों में माना जाता है कि इस मंत्र में इतनी शक्ति है कि लगातार तीन बार इस मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति के आस-पास नकारात्मक शक्तियां यानि भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाएं नहीं भटकती हैं | पुराणों के अनुसार गायत्री मंत्र के जप से हमको कई प्रकार के लाभ मिलते है, यह मंत्र कहता है 'उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें | 


उनके मुताबिक वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे।' उनका मानना है कि इस मंत्र के जप से बौद्धिक क्षमता और मेधा शक्ति और स्मरण की क्षमता बढ़ती हैं | जिससे व्यक्ति का तेज बढ़ता है और साथ ही दुःखों से छुटकारा मिलता हैं | गायत्री मंत्र का जप सूर्योदय से दो घंटे पूर्व से लेकर सूर्यास्त से एक घंटे बाद तक किया जाता हैं | वहीं मौन मानसिक जप कभी भी कर सकते है लेकिन रात्रि में इस मंत्र का जप नहीं करना चाहिए | क्योंकि मान्यता के अनुसार, रात में गायत्री मंत्र का जप लाभकारी नहीं होता हैं | 



पुराण वेदाओं में बताया गया है कि, गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर होते है और इन चौबीस अक्षरों को चौबीस शक्तियों-सिद्धियों का प्रतीक माना जाता हैं | इसलिए यही कारण है कि ऋषियों ने गायत्री मंत्र को भौतिक संसार में सभी प्रकार की मनोकामना को पूर्ण करने वाला बताया है और इससे हमारे सारे बिगड़े काम जल्द सम्पन्न हो जाते हैं | 


वहीं आर्थिक मामलों में परेशानी आने पर गायत्री मंत्र के साथ श्रीं का संपुट लगाकर जप करने से आर्थिक बाधा दूर होती है, छात्रों के लिए यह मंत्र सबसे ज्यादा फायदेमंद हैं | क्योंकि स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि गायत्री सद्बुद्धि का मंत्र है, इसलिऐ उसे मंत्रो का मुकुटमणि बताया गया हैं |" अगर नियमित 108 बार गायत्री मंत्र का जप करने से बुद्धि प्रखर और किसी भी विषय को लंबे समय तक याद रखने की क्षमता भी इससे बढ़ जाती हैं | 
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